खुशी भाग - 10
26/ 12 /२१
डायरी स्पेशल
खुशी तो मुझे कम ही नसीब होती है पता नही इस खुशी को मेरे घर का रास्ता मिल नही रह है या मेरा घर गायब हो गया है या लगता है कोई गेम खेल रही है वो होता है ना आँखों पर पट्टी बन्द कर जिस के वो पट्टी बन्द जाती है उसे आगे का कुछ दिखाई नही देता !
ऐसे ही इस खुशी की आँखों पर बन्द दी है जभी तो मेरा आँगन इस कि दिखाई ही नही देता तो आएगी कैसे मेरे अँगना !
अब तो इस लगता है जन्मों से इस के लिए तरस रही हूँ एक खुशी की प्यास में कभी बुझेगी मेरी प्यास इस ही आस में दिन रात रहती हूँ क्या पता कब इस को मुझ पर रहम आ जाये और मेरी झोली खुशियों से भर दे !
आस मेरी कही आस ही न बन जाए
नैना नीर बहते तरसते ही न रह जाए
पंखपखेरू कही आसमाँ में ही न खो जाए
दिल की आरजू कही कब्र में दफन न हो जाये
आलिया खान
Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
30-Dec-2021 11:11 AM
Nice
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Ekansha👑🖤
30-Dec-2021 09:46 AM
Wonderful mam
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